Wednesday, September 18, 2019

उर्दू सी लगती है


( चल मेरे भाई )


गुजर जाएगा ये वक्त भी ज़रा इत्मीनान तो रख

जब खुशी ही नहीं ठहरी तो गम की क्या औकात है


    ( चल मेरे भाई )



छोड़ आया मैं उसकी इश्क की गलियों को ...

पहले रीचार्ज करवाती थी अब चालान भी भरने को बोल रही थी पगली


कॉफी

कॉफी वाले तो सिर्फ फ्लर्ट करते है,

कभी इश्क़ करना हो तो चाय वालों से मिलना


चाय पर बुलाओ तो कुछ घर जैसा माहौल बने

ये तेरा कॉफ़ी पर बुलाना ऑफिस जैसा लगता है


#सोने दो अगर वो सो रहे हैं गुलामी की नींद में

#हो सकता है वो ख्वाब आज़ादी का देख रहे_हो


 एक सांवली सी लड़की


*मै लबों से ग़ज़ल कहता हूं

वो निगाहों से वाह करती है

एक सांवली सी लड़की

शायद मुझसे प्यार करती है

लब ख़ामोश रहते हैं

निगाहें शोर करती हैं

वो सांवली सी लड़की

शायद  मेरा ज़िक्र करती है

वो मंदिर में आरती गाती है

मन्नत का धागा भी बांधती है

वो सांवली सी लड़की

शायद अमृता प्रीतम और शिव को पढ़ती है

वो संदल सी महकती है

लोबान में भी लिपटी है

वो सांवली सी लड़की

 आयतों सी दुआओं सी लगती है

मेरे  अहसासों का ककहरा है

मेरी ग़ज़लों पे भारी है

वो सांवली सी लड़की

उर्दू सी लगती है

कहीं मिल जाए किसी को

किसी रोज अगर

तो मुझे बता देना

गुमशुदा इश्तहार है

वो सांवली सी लड़की

 सदियों का मेरा इंतज़ार लगती है



औरत की बुद्धि


वाह रे औरत की बुद्धि ...* . एक महिला कैंसर की बीमारी से मरने वाली थी।

 उसकी सहेलियां उसे देखने आईं तो बोली-- "अरे बहन ! क्या हुआ तुम्हें ?"

 महिला बोली -- "बहन !, मुझे Aids हो गया है।" ऐसा सुन कर कमरे में सन्नाटा छा गया...जब सहेलियां चली गयी तो

पति ने पूछा -- "तुमने ऐसा क्यूं कहा ?" पत्नी ने कहा -- "मैं माफी चाहती हूँ आप से

 ताकि मेरे मरने के बाद ये मरजानियां आप पर डोरे डाले, और आपसे दूर रहें... आप तो बड़े भोले हो जी। मुझे अपनी

सहेलियों पर रत्तीभर भी यकीन नहीं है जी।

" 🤪 पति बेहोश है जी, करमजली, मरते-मरते भी मेरी ज़िन्दगी में अन्धेरा करे जा रही है। हाय राम

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