Fathers Special
हर तकलीफ कांपती थी मेरे सामने आने से.....!!!
तब मैं शहजादा हुआ करता था अब्बा कि हिफाजत में..
लंबी लंबी गाड़ियों में बैठा आराम ढूंढती है जिंदगी....!!!
पर पापा के स्कूटर की सीट का सिंहासन कहां मिलता है...
जिंदगी की दौड़ में अक्सर छांव तलाशता हूं.....!!!
पापा की परछाई सा सुकून कहीं नहीं मिलता......!
अपना सुकून बेच मेरे लिए सारी खुशियां खरीद लाते हो.....!!!
बाबा आप कौन से जागीरदार हो जो कभी अपने लिए कुछ नहीं कमाते हो..
Two Line shayari
जीवन का आखिरी दिन भी बहुत खुबसुरत होगा साहेब
जो लोग तुम्हें देख कर छुप जाते थे वो भी तुम्हारी एक झलक देखने को पागल होंगे
ख्वाईश बस यही थी ज़िन्दगी रंगीन हो..
इत्तेफाक देखो जो भी मिले गिरगिट ही मिले..!
हमने सुना है इस महफिल में सायर बहुत हैं
कुछ हमें भी सुनाओ हम घायल बहुत है
इंतजार की आरजू अब खो गई है,
खामोशियों की आदत सी हो गई है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
बस एक मोहब्बत है,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है।
जो बातें.. कही नही जाती...
वो बातें.. कहीं नही जाती.
आँखों से भी..... लिखी जाती हैं दास्तानें...
शब्दों को कलम की..... जरूरत नहीं होती
तलब करे तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें दे दूँ,
मगर कुछ लोग मेरी आँखों के ख्वाब मांगते है !!
एक अरसा गुज़रा आप से तुम होने में..!!
एक लम्हा लगा उस तुम को गुम होने में...
तू पप्पू पप्पू करती रही
ठुकराया मेरा प्यार प्रिये,
तू कांग्रेसी अबला नारी
मैं मोदी 300 पार प्रिये।
जिस की, 'तआबीर' ही नहीं मुमकिन..
ऐसे कुछ "ख़्वाब".. हम भी रखते हैं.
मजबूरी की दीवारों को छोड़कर
खुले आसमां के नीचे पीते थे हम,
एक जमाना था जिंदगी में,
जब जीते थे हम,
वो भी थे ख़ामोश मुझको भी न कुछ कहने दिया..!!
रस्म दोनों को ही.....चाहत की निभानी आ गई..!!
दिल नहीं था सीने में, न जानें फिर क्यों शोर किया।
जिस पर सबसे ज्यादा गौर किया, उसी ने इग्नोर किया
वक्त आने दे ज़रा, बात करेंगे तुझसे...!
#ज़िन्दगी, हम भी मुलाकात करेंगे तुझसे..
पुछा जो उनसे कल ख्वाब मे क्यों न आये ,
वो पाँव की मेहंदी दिखाकर मुस्करा दिए
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक्सर,
न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है
मुझमें और किस्मत में,
हर बार बस यही जंग है,
मैं उसके फ़ैसलों से तंग हूँ
वो मेरे हौसलों से दंग है !
"ज़ेब का वज़न बढ़ाते बढ़ाते अगर रिश्तों का वज़न घटने लगें तो समझ लेना कि
सौदा घाटे का ही है"
ज़िन्दगी गुज़र रही है किरदार निभाते-निभाते,
...मैं कौन हूँ,ये सवाल आज भी है
कांटा चुभे तो निकाल सकते हैं,,,
कोई बात चुभे तो क्या किया जाए,
जिसे सुनते ही आवाज़ बढाने को दिल करे
हाँ मेरे लिए वो ही गाना हो तुम
कह दो हर वो बात जो ज़रुरी है कहना..!
कभी-कभी ज़िन्दगी भी बेवक्त पूरी हो जाती है
होना एक दिन सब का हिसाब है..!
ज़िंदगी कर्मों से लिखी किताब है.
डाल कर परिंदे को कैद में हाल पूछते हैं...
अजीब लोग हैं दुनिया के बस सवाल पूछते हैं.
कभी पत्थरों पर फूल खिल जाते हैं,
कभी अजनबी अपने बन जाते हैं!
कभी लाशों को कफ़न तक नहीं मिलता,
जनाब
और कभी लाशों पर ताजमहल बन जाते हैं
मिलते 💕रहना सबसे.💕.
किसी ना किसी 💕बहाने से...
रिश्ते मजबूत 💕बनते ह💕ै
दो पल साथ बिताने से..!
ये अश्को की बारिश क्या बुझायेगी इस आग को
जनाब
जब किसी गरीब की रूह जलती है तो पानी को भी नहीं बख्शती
कभी तुम्हारी याद आती है.
कभी तुम्हारे ख्वाब आते है.
मुझे सताने के सलीके तो. तुम्हे बेहिसाब आते है
जो लोग आप पर मरते हैं
कोशिश कीजिये कि आप उनको ज़िंदा रखें
एक ही शख्स पे लुटा देतें हैं जो जिंदगी अपनी
,ऐसे लोग अब किताबों में मिला करते हैं
मिलता है जो सुक़ून इंसान होने में,
वो मिलता नहीं, हिन्दू-मुसलमान होने में
रिश्तों के नाम पर कभी चाहत के नाम पर...
रौंदी गयी हैं आँखें ख्वाबों के दाम पर
देखोगे तो हर मोड़ पे मिल जाएँगी लाशें..!
ढूँडोगे तो इस शहर में क़ातिल न मिलेगा
जब एक जज्बाती मिडल क्लास ईमानदार आदमी को
ये दुनिया दुनियादारी सिखा देती है..उस से बुरा
कुछ भी नहीं होता..कुछ भी नहीं
पल पल नजर रखता है सब पर वो आसमां वाला...
तेरी नेकी बदी का हर हिसाब उसके बहीखाते में है.
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