जान
हम वो हैं जो खुदा को भूल गए....
तुम मेरी जान किस गुमान में हो.
जो ना देते थे जवाब उनके सलाम आने लगे,!!
वक़्त बदला तो मेरे नीम पर आम आने लगे
नहीं करता मैं जिक्र किसी तीसरे से,,
तेरे बारे में बातें सिर्फ रब से होती है
जिनमें अकेले चलने का होंसला होता हैं,
उनके पीछे एक दिन काफिला होता हैं !
वाकीफ तो रावण भी था, अपने अंजाम से,......
जिद तो अपने अंदाज से जीने की थी..
खुद को इतना भी मत बर्बाद मत कर लेना
कि सामने वाले को लगे कि उसने सही फैसला लिया था
जीतने के बाद हो जिस पर मलाल ....
जंग ऐसी , हार जानी चाहिये ..
"शायरी" को भी "दुल्हन" की तरह "सजाना" पड़ता है ..
तभी "बारातियों" की...वाह-वाह मिलती है
सुनिये,
आप सिर्फ मेरे दोस्त ही नहीं,
मेरे होठों की मुस्कुराहट भी हो
हमे इश्क़ हैं तुमसे हिन्दुस्तां की तरह,
पर तुम कश्मीर बन बैठी हो गैरो के बहकावे में
किसी ने कहा post करके कितना कमा लेते हो,
मेने कहा बहुत लोगो का प्यार और उनके चेहरे की मुस्कान
नींद की गोलियाँ भी कल रात बोलने लगी ,
कहती हम इन्सानों पर काम करती हैं आशिकों पे नही
वो '' दोस्त '' मेरी नजर में बहुत '' मायने " रखते है .
जो सही वक्त पर मेरे
सामने ''आईने '' रखते है
बेहद प्यार में हद कैसी__?
तुम्हें चाहने में सरहद कैसी
मैने रखा है मोहब्बत अपने अफसाने का नाम
तुम भी कुछ अच्छा सा रखलो अपने दिवाने का नाम
बचपन की याद की झलकिया
कभी क्या जमाना था
हम भी.. बहुत अमीर हुआ करते थे हमारे भी जहाज.. चला करते थे।
हवा में.. भी।
पानी में.. भी।
दो दुर्घटनाएं हुई।
सब कुछ.. ख़त्म हो गया।
पहली दुर्घटना
जब क्लास में.. हवाई जहाज उड़ाया।
टीचर के सिर से.. टकराया।
स्कूल से.. निकलने की नौबत आ गई।
बहुत फजीहत हुई।
कसम दिलाई गई।
औऱ जहाज बनाना और.. उडाना सब छूट गया।
दूसरी दुर्घटना
बारिश के मौसम में, मां ने.. अठन्नी दी।
चाय के लिए.. दूध लाना था।कोई मेहमान आया था।
हमने अठन्नी.. गली की नाली में तैरते.. अपने जहाज में.. बिठा दी।
तैरते जहाज के साथ.. हम शान से.. चल रहे थे।
ठसक के साथ।
खुशी खुशी।
अचानक..
तेज बहाब आया।
और..
जहाज.. डूब गया।
साथ में.. अठन्नी भी डूब गई।
ढूंढे से ना मिली।
मेहमान बिना चाय पीये चले गये।
फिर..
जमकर.. ठुकाई हुई।
घंटे भर.. मुर्गा बनाया गया।
औऱ हमारा.. पानी में जहाज तैराना भी.. बंद हो गया।
आज जब.. प्लेन औऱ क्रूज के सफर की बातें चलती हैं , तो.. उन दिनों की याद दिलाती हैं।
वो भी क्या जमाना था !
और..
आज के जमाने में..
मेरे बेटे ने...
पंद्रह हजार का मोबाइल गुमाया तो..
मां बोली ~ कोई बात नहीं ! पापा..
दूसरा दिला देंगे।
हमें अठन्नी पर.. मिली सजा याद आ गई।
फिर भी आलम यह है कि.. आज भी.. हमारे सर.. मां-बाप के चरणों में.. श्रद्धा से झुकते हैं।
औऱ हमारे बच्चे.. 'यार पापा ! यार मम्मी !
कहकर.. बात करते हैं।
हम प्रगतिशील से.. प्रगतिवान.. हो गये हैं।
कोई लौटा दे.. मेरे बीते हुए दिन।।
☔🙏
माँ बाप की लाइफ गुजर जाती है *बेटे
की लाइफ बनाने में......*
और बेटा status_ रखता है---
" My wife is my Life"
माता-पिता
मैं तो "पत्थर" हूँ; मेरे माता-पिता "शिल्पकार" है..
मेरी हर "तारीफ़" के वो ही असली "हक़दार हैं ।
तुम्हें दो थप्पड़ लगाने का मन है
और फिर तुम्हारे साथ रोने का मन है
तुमने समझा ही नहीं…और ना समझना चाहा,
हम चाहते ही क्या थे तुमसे… “तुम्हारे सिवा”.
लिखता हूं केवल दिल की तसल्ली के लिए वरना जिस पर आंसुओं का असर ना हुआ
उस पर लफ्ज़ों का असर क्या होगा
मोहब्बत भी ईतनी शीद्दतसे करो कि,
"वो धोखा दे कर भी सोचे के
वापस जाऊ तोकिस मुंह से
जवानी तक की मोहब्बत कौन चाहता है
मुझे तो तुमसे झुर्रियों तक का इश्क चाहिए
“मांगना ही छोङ दिया हमने वक्त किसी से...
क्या पता उनके पास इंकार का भी वक्त ना हो
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा...
जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे
बस इतनी सी उम्र के तलबगार हैं हम,न मरेंगे तुझसे पहले न जियेंगे तेरे बाद.
मोहब्बत की किताब में खामोशियां भी पढ़ लिया करो दोस्तों यह जरूरी नहीं है कि हर कोई मोहब्बत बयां कर दे
तेरी आँखों से एक चीज लाजवाब पीता हूँ ,.,
मैं गरीब जरूर हूँ मगर सबसे महंगी शराब पीता हूँ
मुझे मिलना है तुमसे उस जहांन मे,
जिस जहांन मे बिछड़ने का रिवाज ना हो!
कुछ इतने दिए हसरत ऐ दीदार ने धोखे...
वो सामने बैठे हैं.. यकीन हमको नही
तज़ुर्बा कहता है मोहब्बत से किनारा कर लूँ ,
और दिल कहता है की ये तज़ुर्बा दोबारा कर लूँ !!
टूटे हुए सपनो और छूटे हुए अपनोने मार दिया,
वरना खुशी खुद हमसे मुस्कूराना सिखने आया करती थी !!
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