Monday, September 9, 2019

मेरे दोस्त,



नाराजगी
नाराजगी वहाँ मत रखिएगा ... मेरे दोस्त,
जहाँ आपको ही बताना पड़े ... आप नाराज हैं


#सुनोमुझेकुछकहनाहै____
तुझमे छुपी हुई मेरी दुनियां है कहीं..!!
तेरे बिना जी लूं..ये कभी सोचा ही नही..!

अहसास सच्चे हो वही काफ़ी है ,
यक़ीन तो लोग सच पर भी नहीँ करते !

मीठा-मीठा सा ये रसगुल्ले सा इश्क़ हमारा 
और.....
बीच-बीच में चटनी जैसे चटखारे लेती ये तकरारें..



ना किसी फ़कीर से पूछो,ना किसी पीर से पूछो,
तुम अपने बारे में बस,अपने ज़मीर से पूछो...!

एक नज़र देख के सौ नुक्स निकाले मुझमें।
फिर भी मैं ख़ुश हूँ कि मुझे गौर से देखा उसने।।

कभी मिल सको तो बेवजाह मिलना..
वजह से मिलने वाले तो ना जाने हर रोज़ कितने मिलते है..


हजारों रिश्तों को तराशा नतीजा बस यही निकला।
,, जरूरत ही सबकुछ है रिश्ते कुछ नहीं होते।

मेरे लिए एहसास मायने रखते हैं,
रिश्तों का नाम जो चाहो तुम खुद रख लो।।

 गलत फहमी

रिश्तों की रस्सी कमजोर तब हो जाती है ,जब इंसान गलत फहमी में पैदा
 होने वाले सवालों के जबाब भी खुद ही बना लेता है

कुछ बातें खुद तक सीमित रहें तो
कुछ ज्यादा ही सुकून पहुचाती हैं.

इजाज़त हो तो ज़ुबान खोल दूं ...”
मुझे तुमसे मोहब्बत है यह ज़माने से बोल दूं...”

#सुनोमुझेकुछकहनाहै____
तुझमे छुपी हुई मेरी दुनियां है कहीं..!!
तेरे बिना जी लूं..ये कभी सोचा ही नही..!

किसी के अल्फाजों से इश्क किया है कभी...
खैर तुम तो सूरत से इश्क करने वाले ठहरे...
कब तक लडता आख़िर...
मैं अकेला था... और गलतफहमियां हज़ार..

ज्यादा खुश रहना भी पाप है इस जग में
लोग अक्सर खिले हुए फूल को तोड़ देते हैं

है कोई वकील इस जहान में,
जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको.-



अपनी ज़िंदगी को मैंने अब थोड़ा आवारा कर लिया..!!
कुछ मुझसे किनारा कर गए तो कुछ से मैंने किनारा कर लिय
यूँ तो मुझे बदनामी अपनी अच्छी नहीं लगती..
मगर लोग तेरे नाम से छेड़े तो बुरा भी नहीं लगता..!!

दो चम्मच हँसी और चुटकी भर मुस्कान बस यही खुराक है खुशी की पहचान

वक़्त का पासा कभी भी पलट सकता है
तुम भी वही सितम करना जो खुद सह सको

खुदा ने बङे अजीब से दिल के रिश्ते बनायें हैं...
सबसे ज्यादा वही रोया जिसने ईमानदारी से निभाये है.


"रूठी खामोशी से....
बोलती शिकायतें अच्छी

मुफ़्त में नहीं सीखा उदासी में मुस्कराने का हुनर
बदले में ज़िन्दगी की हर ख़ुशी तबाह की है

 नादानी

मुझे नहीं पता ये प्यार है या नादानी
बस हर पल तुम्हें याद करना अच्छा लगता है मुझे

मन की दूरियां कुछ बढ़ सी गयी हैं..!!
लेकिन तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुजरता है..

बहुत सम्भाल के लिखना पड़ता है
ज़हन -ए - जज़्बात को.....
वर्ना स्याहीं पे नहीं गहराई पे सवाल होता है...

कमाल की तक़दीर पायी होगी उस सख्स ने
जिसने तुझसे मोहब्बत भी नहीं की होगी और तुझे पा भी लिया होगा..

उम्र का मोड़ कोई भी हो,धड़कनों में नशा चाहिए.

कौन खरीदेगा अब हीरो के दाम में तुम्हारे आँसु ;
वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने

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