Sunday, September 29, 2019

whatsapp/Facebook status


Two Line Status

दोस्त : तुम रोज पी के जाते हो भाभी कुछ कहती नहीं, .
 .
 कहती है ना, *कीड़े पड़ेंगे तुम्हारे दोस्तों में



पता नही तुम कब आओगी जिन्दगी में,
तुम्हारे हिस्से का खून मच्छर पी रहे है,!!

कसूर तुम्हारा नहीं..... ज़िन्दगी...!!
 दरअसल हमें ही जीना नही आया..

अपनी कलाई का साइज़ बता
मेरी तनख्वाह चुकी है अब

मैं खर्राटे भरुँ और तुम्हारी नींद टूट जाए...
हम इश्क को उस मुकाम पर चाहते हैं

"दौर हवाओं का ही रहता हैं क़ायम,,...!
आंधिया ज़्यादा देर तक चला नहीं करती

फ्रेंडलिस्ट में तो सिर्फ दोस्त होते हैं....!
मोहब्बत तो ब्लॉकलिस्ट में छिपी होती हैं।

यू तो कटे उस पेड़ को एक जमाना हो गया,
मगर ढूढ़ने अपना ठिकाना,एक परिंदा रोज आता है.

दहेज के फर्नीचर की पालिश उतर गयी
पर बाप का कर्ज़ा अभी तक नहीं उतरा.

हमारे बग़ैर भी आबाद हैं महफ़िल उनकी..!!*
 और हम समझते थे कि रौनक़ हमसे ही थी.

मेरे गुस्से की सही तो मेरी शायरी की तो दाद दे .!
रोज तेरा जिक्र कर रहा हूँ तेरा नाम लिए बगैर

मूलधन से ज्यादा रूपया लग गया ब्याज में
जो कुछ बचा,अब वो लग रहा है प्याज में

गैर क्यों लिए जा रहे हैं मुझे कन्धों पर ?
अरे हाँ..... अपने तो कब्र खोद रहे हैं ना....

हमसे ना मिला करो अदाकार की तरह..!!
साहब हम चेहरे पढ़ लेते है अखबार की तरह..

कितना हँसता था कितना खुश रहता था
फिर एक दिन मोहब्बत की नज़र पड़ गई मुझ पर

करवट लेकर देखा है
याद तुम उस तरफ भी आते हो।

किडनी से काम चले तो बताना,
अब किसी को दिल देना अपने बस की बात नही

खत ले जाने से मना कर दिया कबूतर ने..
बोला मेरा खुद का ब्रेक अप हुआ पड़ा है कबूतरी से

घरवाले भी KBC के अमिताभ से कम नहीं है
जब भी पैसा मांगो तो बोलते हैं
"क्या करेंगे आप इतनी धनराशि का"

मरने के लिये दवा थी और जीने के लिये ज़हर था
ये तेरी मोहब्बत थी या तेरे इश्क का कहर था..

No comments:

Post a Comment