Sunday, September 15, 2019

खुद से छिपकर


वक़्त 


हो नज़र में कोई अच्छी जगह तो बताओ...
कुछ वक़्त बैठना है खुद से छिपकर हमें...!!


जो चली गई थी वो लौट आई हैं....
स्वागत कीजिये जनाब दरवाजे पे आपकी मौत आई हैं..


Suno....
तुम गए तो सवेरा ही  हुआ....
बस रात होती रही हर रात के बाद

तेरी ही यादों का सहारा होता है....
वरना कौन शाम के बाद हमारा होता है.

यूँ फिर एक उम्मीद पाली है हमने....
तेरे इन्बॉक्स में फिर एक मेसेज डाली है हमने...!

अंदाज़े से  नापते किसी इंसान की हस्ती
ठहरे हुए दरिया अक्सर गहरे हुए करते हैं


परछाइयों सा इश्क़ है मेरा,,
मेरे साथ तो रहता है पर मेरे संग नहीं,,

सबको ओढनी है मिट्टी की चादर एक दिन
ऐसा कोई दिया नही जिस पर हवा की नजर नही
बदली तेरी नज़र तो नज़ारे बदल गए
हम आज भी वही है पर तेरे इशारे बदल गए।

है गलत उसको बेवफा कहना हम भी कहां के  धुले धुलाए थे
आज कांटो भरा मुकद्दर है   हमने  गुल  भी बहुत खिलाए थे

काश में  भी मीठे झूठ का हुनर सीख पाता 
तो शायद आज मेरे अपने मुझसे जुदा नहीं होते ।।

बेचैनी 
पा लेने की बेचैनी और
खो देने का डर,
बस इतना ही है,
ज़िंदगी का सफर ....

#जो हारते है अपनी पहली मोहब्बत
वो दूसरे इश्क मैं
कमाल करते है#

तू निभा ना सका वो अलग बात है,
लेकिन तू ने जो वादे किये थे वो ग़ज़ब के थे....

अब हर बात बताएं तुमको ये ज़रूरी नहीं,,
तुमको हर बात में दिलचस्पी होये भी ज़रूरी नहीं..!

आज़मा ले मुझको थोडा और  खुदा....!!
तेरा बंदा बस बिखरा है अभी तक टूटा नही...

काश केतेरा सवाल होता 'सुकूनक्या है..?

और हम मुस्कुरा के तेरे दिल पे "सररख देते.


अल्फाजों की प्यास किसको है..

हमें तो तेरे हम्म् से भी इश्क़ है...!

 नफ़रत कमाना भी,
इस दुनिया में आसान नहीं है.....
आँखों में खटकने के लिए भी,
कुछ खूबियाँ तो होनी चाहिए
 .


अगर इज्ज़त जरूरी है तो मोहब्बत करना छोड़ दो .!
ये इश्क की गलियां हैचर्चों का होना लाजमी है ..!

जमींन पे गिरी सिगरेट की राख बोली...
आज तेरी वजह सेमेरी ये हालत है.....
कल मेरी वजह से तेरी ये हालत होगी !!

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