गुलाब
उतरा हुआ गुलाब का चेहरा ना पढ़ सके.....
वो दोस्त क्या जो दोस्त का लिक्खा न पढ़ सके !
चाहे किसी भी भाषा में लिक्खें कृष्ण खत....!
मुमकिन नहीं कि उसको सुदामा न पढ़ सके ।।
-अज़नबी🙏🙏
: आज़ादी उनकी यादों से काश यूँ मिल जाती,
ज़िन्दगी जीने की हमें फिर से वजह मिल जाती !!
आईने के सामने खड़े हो कर,ख़ुद से माफ़ी मांग ली मैंने
ख़ुद का दिल बहुत दुखाया मैंने, औरों को खुश करते करते..!!
मैंने हर सपने को ...अपनी दुआ बना लिया...
तुम रोज याद आओ ...इसलिए तुम्हे खुदा बना लिया...
ख्यालों मे भटक जाना, तेरी यादों में खो जाना...
बहुत महंगा पड़ा है मुझको सिर्फ तेरा हो जाना...
कितना दर्द है दिल मे दिखाया नही जाता , गंभीर है बात पर सुनाया नही जाता........
एक बार देख लो इस चेहरे को , क्योंकि बार बार कफन को उठाया नही जाता........✍🏻
डिग्रियां नही करती फैसले फुरासत के,,
तरबियत बताती हैं, खानदान कैसा है..!!
याद करने में हमने हद कर ली मगर,
भुल जाने में आप भी कमाल करते हो !!
न जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम,
जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहे हैं हम।
मसले
तबाह हूँ तेरे प्यार मे तुझे दूसरों का ख्याल है...
कुछ मेरे मसले पर भी गौर कर....
मेरी जिन्दगी का सवाल है....🌹🌹🏌🏻♂
दुनियाँ में इतनी रस्में क्यों हैं प्यार अगर ज़िंदगी है तो इसमें कसमें क्यों हैं हमें बताता क्यों नहीं ये राज़ कोई दिल अगर अपना है तो किसी और के बस में क्यों है
रिश्तों को जेबों में नहीं हुज़ूर दिलों में रखिए...!
वक़्त से शातिर कोई जेबक़तरा नहीं होता...!!❣❣
खुद से मिला नहीं और
खुदा की बात करता है
जिंदगी भर खुद को
नजरअंदाज करता है
एक हसरत थी कि उनके दिल में पनाह मिलेगी,
क्या पता था उनसे मोहब्बत की सज़ा मिलेगी,
न अपनों ने समझा न गैरों ने जाना,
क्या पता था मेरी तक़दीर ही मुझे बेवफा मिलेगी
हम लोग भी कितने अजीब हैं....!
निशानियाँ महफ़ूज़ रखते हैं, और लोगों को खो देते हैं...!!
लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती
लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है......
समंदर को ढूँढती है..नदी जाने क्यूँ..!!
पानी को पानी की..ये कैसी..प्यास है.!!
दिल एक हो तो कई बार क्यों लगाया जाये
बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये
काश तेरी याद़ों का खज़ाना बेच पाते हम,
हमारी भी गिनती आज अमीरों में होती !!
अजनबी हूँ आज, शायद कल अपना लगूं,
रफ़्ता-रफ़्ता क्या पता, तुमको भी अच्छा लगूं....
इत्तेफ़ाक़ से तो नहीं टकराये हम सब ए दोस्तों...
थोड़ी ख्वाहिश तो खुदा की भी रही होगी ।
🤝🏼 🙂
अगर इश्क करो तो आदाबएवफ़ा भी सीखो
चंददिन की बेकरारीमोहब्बत नहीं होती.
रक्की मिल रही हैं... शायरी से,
हमें...
तुम्हारा जिक्र.... महंगा बिक रहा है..
व्हाट्सएप ना हुआ "Vicks Inhaler" हो गया है,..
थोड़ी देर न सूघों तो सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगती है...
हज़ार बार ली है तुमने तलाशी मेरे दिल की बताओ कभी कुछ मिला है इसमें प्यार के सिवा..
45 की उम्र के बाद का प्रेम
She:- आज रात घर में कोई नहीं है.. हम दोनों ही हैं, क्या करें ?
खिचड़ी
He:- खिचड़ी या कढ़ी चावल बना लो.. हो सके तो दो-चार पापड़ भी भुन लेना! 🤓
हर मर्ज का इलाज था उस हकीम के पास,
बस अपनी लुगाई से परेशान था...🤭💃🏻
दुआ करो, मैं कोई रास्ता निकाल सकूँ..
तुम्हें भी देख सकूँ, खुद को भी सम्भाल सकूँ..!
किसी की कमी जब
महसूस होने लगे,
तो समझो ज़िंदगी में उसकी .मौजूदगी
बहुत .गहरी हो चुकी है ..!!♥
एक बात पूछना था मुझे☝🏻🤔
.
.
.ये फायरब्रिगेड वाले इश्क की आग 🔥को भी बुझा देते हैं क्या....????☝🏻😜🤔
"दबे होंठों को
बनाया है सहारा अपना"...!!!
.
.."सुना है कम बोलने से
बहुत कुछ सुलझ जाता है...!!!
एक मुख्तसर सी वज़ह है ,मेरे झुक कर मिलने की...!
मिट्टी का बना हूँ ,गुरूर जँचता नहीं मुझ पर......!!
चाँद के छूते ही स्याह हो जाती है
ये शाम तो सच में बड़ी नाज़ुक सी है !!
😓😓उठती नही है 👀👀#निगाह अब किसी और 👸👸#लडकी की तरफ.... 👉👉पाबंद कर गयी है किसी की ❤#मोहब्बत मुझे😘😘👉😳
वाह क्या जूदो करम है शहे बतहा तेरा
नहीं सुनता ही नहीं माँगने वाला तेरा
धारे चलते हैं अता के वो है क़तरा तेरा
तारे खिलते हैं सखा के वो है ज़र्रा तेरा
फर्श वाले तेरी शौकत का उलू क्या जानें
खुस-र-वा अर्श पे उड़ता है फरेरा तेरा
एक मैं क्या मेरे इसयां की हकीकत कितनी
मुझसे सौ लाख को काफी है इशारा तेरा
तेरे टुकड़ों से पहले गैर की ठोकर पे ना डाल
झिड़कियां खाएं कहां छोड़ के सदका तेरा
तेरे कदमों में जो हैं गैर का मुंह क्या देखें
कौन नजरों पे चढ़े देख के तलवा तेरा
मैं तो मालिक ही कहूंगा कि हो मालिक के हबीब
यानी महबूबो मुहिब मैं नहीं मेरा तेरा
दिला अबस खौफ से पत्ता सा उड़ा जाता है
पल्ला हल्का सही भारी है भरोसा तेरा
तू जो चाहे तो अभी मैल मेरे दिल के धुलें
के खुदा दिल नहीं करता कभी मैला तेरा
तेरे सदक़ा मुझे एक बून्द बहुत है ते…
🌹लफ्जों से इतना आशिकाना ठीक नहीं है........
किसी के दिल के पार हुए तो इल्जाम क़त्ल का लगेगा........✍🏻
उनके क़दम के ज़र्रे शम्स-ओ-क़मर से बेहतर
नूरी-बशर है बिल्कुल जिस्मे-बशर से बेहतर
सरकार थूक दें तो हो जाये पानी मीठा
उनकी हर एक बोली है ख़ुद शकर से बेहतर
माँ के शिकम से लेकर तेरा सफ़र लहद तक
तैबा का एक सफ़र है तेरे सफ़र से बेहतर
जापान और लन्दन अमरीका और पेरिस
कोई शहर नही है तैबा शहर से बेहतर
अहमद रज़ा ने बेशक क्या ख़ूब लिख दिया है
सरकार का पसीना मुश्को-अतर से बेहतर
दस्तार रखने वालों उनके क़दम पे रख दो
सरकार का क़दम है शाहों के सर से बेहतर
खुशियाँ मना ""शहादत"" सरकार का करम है
नाते-नबी है लिखना हर एक हुनर से बेहतर
: लाऊं गा कहां से जुदाई का हौसला,
क्यों इस कदर मेरे करीब आ गए हो
सुना है वो मेरी बीबी बनने वाली है
अफवाह उठाई है या सच मे दिल मे थानी है
दिल एक हो तो कई बार क्यों लगाया जाये
बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये
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