(पितृ हित में जारी)
देखिए,
ICU
बेटी से माँ का सफ़र
*हम सब मित्र जिनके पुत्र हैं उनको एक सलाह:* जब कभी बेटे पर अत्यधिक गुस्सा आये
उसे कुछ मत बोलिये क्रोध पर थोड़ी
देर काबू रखिये... . TV, मैगज़ीन या अखबार में राहुल गांधी का फोटो
देखिए,
तत्काल गुस्सा गायब हो जाएगा आप सोचेंगे.. .
चलो जैसा भी है पर मेरा लड़का इस से तो सौ गुना बेहतर है।
संबंधों की मधुरता बनी रहेगी... (पितृ हित में जारी)
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बनने के बाद, अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ एक रेस्तरां में
खाना खाने गए ।
सबने अपनी अपनी पसंद के खाना का आर्डर दिया और खाना के आने का इंतजार करने लगे । उसी समय
मंडेला की सीट के सामने एक व्यक्ति भी अपने खाने आने का इंतजार कर रहा था ।
मंडेला ने अपने सुरक्षा कर्मी को कहा उसे
भी अपनी टेबल पर बुला लो । ऐसा ही हुआ, खाना आने के बाद सभी खाने लगे, वो आदमी भी अपना खाना
खाने लगा, पर
खाने लगा, पर
उसके हाथ खाते हुए कांप रहे थे ।
खाना खत्म कर वो आदमी सिर झुका कर होटल से निकल गया । उस आदमी के खाना खा
के जाने के बाद मंडेला के सुरक्षा अधिकारी ने मंडेला से कहा कि वो व्यक्ति शायद बहुत बीमार था, खाते वक़्त
उसकी हाथ
उसकी हाथ
लगातार कांप रहे थे और वह कांप भी रहा था । मंडेला ने कहा नहीं ऐसा नहीं है ।
वह उस जेल का जेलर था, जिसमें मुझे रखा
गया था । कभी मुझे जब यातनाएं दी जाती और मै कराहते हुवे पानी मांगता तो ये मेरे ऊपर पेशाब करता था ।
मंडेला ने कहा
मंडेला ने कहा
मै अब राष्ट्रपति बन गया हूं, उसने समझा कि मै भी उसके साथ ऐसा ही व्यवहार करूंगा ।
पर मेरा यह चरित्र नहीं है । मुझे
लगता है बदले की भावना से काम करना विनाश की ओर ले जाता है । वहीं धैर्य और सहिष्णुता की
मानसिकता हमें विकास
मानसिकता हमें विकास
की ओर ले जाती है!
ICU
एक ताबूत बनाने वाला ताबूत की डिलेवरी करने जा रहा था कि उसकी गाड़ी रास्ते मे खराब हो गई। . .
. डिलीवरी अर्जेंट थी, तो उसने ताबूत सिर पर उठाया और चलने लगा.
.. . . . रास्ते में एक रिश्वतखोर पुलिसवाले ने लालच में उसे रोक लिया.. . .
. "यह क्या ले जा रहे हो?" पुलिस वाले ने धमकाते हुए पूछा। .
. . . बिल्कुल घबराऐ बिना आदमी बोला.. *"जहां मुझे दफनाया गया था वो जगह मुझे पसंद नहीं..
.* *अपना ताबूत लेकर नई जगह तलाश रहा हूं..
.* *पुलिसवाला अभी ICU में है
सचमुच इस दुनिया का
बच्चे की पैदाइश के बाद डिलीवरी रूम से निकले एक घंटा बीत जाने पर मम्मी को अभी-अभी होश आया.
बदन में ताक़त
बदन में ताक़त
बिलकुल ख़त्म हो गयी थी ..
.करवट लेना तो दूर की बात हिलने में भी बेपनाह दिक्कत हो रही थी. उसने बड़ी मुश्किल से दाहिने
हाथ को हरकत दी, कुछ टटोला, हाथ को कुछ महसूस नहीं हुआ फिर बाएँ हाथ को हरकत देने की कोशिश की.
कुछ नहीं हाथ
कुछ नहीं हाथ
लगा. वह बेचैन हो गई. खयाल आया कहीं नीचे लुढ़क के गिर तो नहीं गया! ओह खुदाया...!
हिम्मत जुटा कर बमुश्किल पलंग
के नीचे देखा, नीचे भी नहीं ... मन में घबराहट होने लगी. माथे पर पसीने की बूंदें नुमाया हो गयीं. दूर खड़ी नर्स
को इशारे से
को इशारे से
बुलाया ...होंठ हिले पर अल्फ़ाज़ नहीं निकल सके. नर्स ने जच्चा की घबराहट महसूस कर ली. उसकी आँखें भी
नम हो गयीं.
नम हो गयीं.
आखिर वह भी माँ थी, और माँ की तड़प को कैसे ना समझ पाती? दौड़ कर इन्क्यूबेटर रूम से नौजाइदा बच्चे
को लाकर उस
को लाकर उस
माँ
के हाथों में थमाते हुए कहा, "मैं समझ सकती हूँ बहन. लो ...जी भर के देख लो." प्रिया अपनी तमाम तर हिम्मत जुटा कर
माथा पीटते हुए बोली ..."बहुत शुक्रिया, लेकिन मैं तो अपना 🤳मोबाइल ढूँढ़ रही थी. फेसबुक पर स्टेटस्
लगाना है
लगाना है
कि मैं माँ बन गयी हूँ." सचमुच इस दुनिया का अब कुछ नहीं हो सकता
बेटी से माँ का सफ़र
बेटी से माँ का सफ़र (बहुत खूबसूरत पंक्तिया , सभी महिलाओ को समर्पित)
बेटी से माँ का सफ़र बेफिक्री से फिकर का सफ़र रोने से चुप कराने का सफ़र उत्सुकत्ता से संयम का सफ़र
पहले जो आँचल में
पहले जो आँचल में
छुप जाया करती थी ।
आज किसी को आँचल में छुपा लेती हैं । पहले जो ऊँगली पे गरम लगने से घर को उठाया करती थी ।
आज हाथ जल जाने पर भी खाना बनाया करती हैं । छोटी छोटी बातों पे रो जाया करती थी बड़ी बड़ी बातों को
मन में रखा
मन में रखा
करती हैं । पहले दोस्तों से लड़ लिया करती थी । आज उनसे बात करने को तरस जाती हैं ।
माँ कह कर पूरे घर में उछला करती थी । माँ सुन के धीरे से मुस्कुराया करती हैं ।
10 बजे उठने पर भी जल्दी उठ जाना होता था । आज 7 बजे उठने पर भी लेट हो जाता हैं ।
खुद के शौक पूरे करते करते ही साल गुजर जाता था ।
आज खुद के लिए एक कपडा लेने में आलस आ जाता हैं ।
आज खुद के लिए एक कपडा लेने में आलस आ जाता हैं ।
पूरे दिन फ्री होके भी बिजी बताया करते थे । अब पूरे दिन काम करके भी फ्री कहलाया करते हैं ।
साल की एक एग्जाम के लिए पूरे साल पढ़ा करते थे अब हर दिन बिना तैयारी के एग्जाम दिया करते हैं ।
ना जाने कब किसी की बेटी किसी की माँ बन गई । कब बेटी से माँ के सफ़र में तब्दील हो गई .....
Dedicated to all beautiful ladies
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